शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

कंट्रोल एम.एम.आर.पी. कैंपन का असर: कैंसर की दवा-मूल्यों में 64 प्रतिशत की कटौती



प्रतिभा जननी सेवा संस्थान द्वारा स्वस्थ भारत विकसित भारत अभियान के तहत चलाए जा रहे कंट्रोल एम.एम.आर.पी कैंपेन का असर दिखने लगा है। कैंसर की दवा बनाने वाली जानी मानी फार्मा कंपनी सिपला ने कैंसर की अपनी तीन दवाओं की कीमत 64 फीसदी घटाने की घोषणा की है। एरलोसिप, डोसीटैक्स, केपगार्ड नामक कैंसर की ये तीन दवाएं फेफड़े, मस्तिष्क, स्तन और शरीर में पनपने वाले दूसरे कई तरह के कैंसर के इलाज में काम आती हैं। एरलोसिप की 30 गोलियां अब 9000 रुपए में उपलब्ध होंगी जिनकी कीमत पहले 27,000 रुपए थी। फेफड़ों, मस्तिष्क और स्तन कैंसर में काम आने वाली दवा डोसीटैक्स पहले 3300 रुपए की थी लेकिन अब इसकी कीमत 1,650 होगी। इस फैसले की घोषणा करते हुए सिपला के महानिदेशक वाईके हामिद ने मीडिया को बताया कि, ''सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में अपना सहयोग करते हुए सिपला एचआईवी और मलेरिया ही नहीं बल्कि कैंसर की दवाओं की कीमत भी घटा दी है।''
सिपला के इस फैसले का प्रतिभा जननी सेवा संस्थान ने स्वागत किया है। संस्थान के नेशनल-को-आर्डिनेटर आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि, आम लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने की दिशा सिपला का यह कदम महत्वपूर्ण है। जरूरत इस बात की है कि ये कंपनियां बाकी जरूरी दवाइयों की एम.आर.पी. भी कम करें ताकि आम लोगों को और सहुलियत मिल सके।
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से प्रतिभा-जननी सेवा संस्थान कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस कैंपेन चला रही है और इस अभियान के तहत पूरे देश में महंगी दवाइयों को लेकर आम जनता को जागरूक कर रही है। इस कैंपेन का ही नतीजा है कि सरकार ने जल्दीबाजी में पूरे देश के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराने की घोषणा की है। नेशनल असेन्सियल मेडिसिन लिस्ट की संख्या 74 से बढ़ाकर 348 करने जा रही है। दवाइयों का मूल्य नियंत्रण व निर्धारण करने वाली सरकारी नियामक एन.पी.पी.ए ने भी राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर शुरू किया।
(प्रेस विज्ञप्ति/ 10.11.12)